राठ महाविद्यालय, पैठाणी के उदृदेश्य
मानव जीवन में शिक्षा का हमेशा से ही बहुत महत्व रहा है। यह एकमात्र ऐसा स्रोत है जिसके उपयोग से हमारा समाज, राज्य एवं देश उन्नति प्राप्त कर सकता है। जब हम उन्हें पढ़ाने की बात करते हैं तो हम उच्च शिक्षा को कैसे नजरअंदाज कर सकते हैं, क्योंकि यह एक छात्र को सद्गुणों से युक्त पूर्ण मनुष्य में बदल देती है। उच्च शिक्षा का उद्देश्य एक छात्र का समग्र शारीरिक, भावनात्मक और सात्विक विकास है, जिसमें एक छात्र को अपनी सांस्कृतिक विरासत के साथ बांधना और साथ ही वर्तमान चुनौतियों और भविष्य की प्रतिबद्धताओं के बारे में जागरुक करना भी शामिल है। हमारा भारत एक लोकतांत्रिक देश है इसलिए उच्च शिक्षा न केवल बौद्धिक विकास में योगदान देती है, बल्कि रचनात्मक दृष्टिकोण प्राप्त करने में भी मदद करती है।
सम्प्रति राठ महाविद्यालय, पैठाणी के प्रमुख उद्देश्य इस प्रकार हैं-
1. विद्यार्थियों को उच्च शिक्षित करके आत्मनिर्भर बनाना, क्षेत्रीय पलायन को रोकना, सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक रूप से समृद्ध बनाना, स्वस्थ प्रतिस्पर्धात्मक एवं रचनात्मक विकास को प्रोत्साहित करना।
2. एक ऐसे उच्च सृजनात्मक वातावरण का निर्माण करना, जिसमें विद्यार्थी एवं शिक्षक के मध्य उच्चतर अध्ययन एवं अनुसंधान आकार ग्रहण कर सके।
3. उत्तराखण्ड राज्य के पौड़ी जनपद के दूरस्थ राठ क्षेत्र, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्र के सामाजिक, आर्थिक रूप से कमजोर छात्र-छात्राओें के शैक्षिक उन्नयन हेतु उच्च शिक्षा के क्षेत्र में नामांकन दर में वृद्धि हेतु प्रयास करना।
4. बालिका शिक्षा को प्रोत्साहित करना, सामाजिक बुराइयों के खिलाफ जागरुकता उत्पन्न करना, जिससे छात्र-छात्राओं का व्यक्तित्व विकसित हो सके।
5. शिक्षा के साथ पाठ्य सहगामी क्रियाओं के आयोजन, नेतृत्व संवर्धन, सोसायटी विजिट इत्यादि कार्यक्रमों के माध्यम से सम्पूर्ण अवसर प्रदान करना, शिक्षा तकनीकी के माध्यम से बहुआयामी शिक्षण माध्यमों का प्रयोग करना।
6. बी.एड्., बी.पी.एड्. जैसे रोजगारपरक पाठयक्रमों के माध्यम से युवाओं के पलायन को सीमित करना तथा क्षेत्र के सामाजिक, आर्थिक एवं सांस्कृतिक विकास में छात्र-छात्राओं के सहभाग को सुनिश्चित करना।