राठ महाविद्यालय के संस्थापक श्री गणेश गोदियाल जी का जन्म राठ क्षेत्र के ग्राम बहेणी, पट्टी कण्डारस्यूँ में हुआ। प्रारम्भिक शिक्षा गाँव के विद्यालय में सम्पन्न हुई। माध्यमिक और उच्च शिक्षा के उपरांत परिश्रम के धनी, उद्यमी स्वभाव और उच्च आत्मविश्वासी श्री गणेश गोदियाल जी ने सर्वप्रथम मुम्बई को अपनी कार्यस्थली के रूप में चुना और एक सफल व्यवसायी के रूप में अपनी पहचान स्थापित की।
तत्समय लोकमत में ‘राठ’ शब्द अशिक्षा एवं आर्थिक रूप से पिछड़ा होने का प्रतीक था। एक बार एक यात्रा के दौरान कुछ सहयात्रियों द्वारा राठ क्षेत्र का उपहास करने पर उन्हें अत्यंत पीड़ा हुई। इस पीड़ा ने ‘राठ’ शब्द के अर्थ को परिवर्तित और पुनः परिभाषित करने के लिये अभिप्रेरक का कार्य किया। इस अभिप्रेरक से अभिप्रेरित होकर आपके द्वारा क्षेत्र के तमाम संभ्रान्तजनों, जागरुक नागरिकों व जनप्रतिनिधियों के सम्पर्क व सहयोग से सन् 2003 में ग्राम सभा पैठाणी में राठ महाविद्यालय की स्थापना की गयी।
आप 2002-2007 तथा 2012-2017 में उत्तराखण्ड विधान सभा के सदस्य रहे। आपने गढ़वाल मण्डल विकास निगम के अध्यक्ष एवं श्री बदरी-केदार मन्दिर समिति के अध्यक्ष तथा संसदीय सचिव के रूप में महत्वपूर्ण उत्तरदायित्वों का भी निर्वहन किया। आप राठ महाविद्यालय के अक्षय प्रेरणा-स्रोत हैं।